Thus did the rain patter and the leaves quiver again and again , the livelong day in my consciousness . ” इस तरह यह वर्षा बार बार होती रही और पत्ते बार बार और निरंतर हिलते रहे , और मेरी चेतना में यह एक अविस्मरणीय दिन बन गया . ”
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Thus did the rain patter and the leaves quiver again and again , the livelong day in my consciousness . ” इस तरह यह वर्षा बार बार होती रही और पत्ते बार बार और निरंतर हिलते रहे , और मेरी चेतना में यह एक अविस्मरणीय दिन बन गया . ”